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दिलकी ख्वाहिश यही तेरा दीदार हो

दिलकी ख्वाहिश यही तेरा दीदार हो।
                    (पूर्णिका)
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दिलकी ख्वाहिश यही तेरा दीदार हो।
ज़िन्दगी  गर  मिले आप से प्यार हो।

अजनबी बन के अब यार जीना नही,
अब नही चाहता ,जिन्दगी बेकार हो।

इस जहां की इजाजत मिले न मिले,
तेरे  चरणों  में अब  मेरा  संसार हो।

दूर  रह कर  मेरा, जीना दुश्वार अब, 
ऐसा जीना नही जिसमें फिर हार हो।

तेरी खातिर कहांतक में तड़पूं भला,
अब मिलूंगा जहा में तो इजहार हो।

देदो दर्शन कन्हैया न तरसाओ अब,
आश निर्मल यही दिलकी स्वीकार हो।

सीताराम साहू'निर्मल'छतरपुर मप्र

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4 Comments

Babita patel

30-May-2023 06:12 PM

very nice

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Renu

07-Mar-2023 05:03 PM

👍👍

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Sant kumar sarthi

06-Mar-2023 11:40 AM

सुंदर

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